बैक कर्मी मंदिर का घंटा है
आज कल आए दिन ऐसे घटनाए हम देखते है, आज से कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में स्टेट बैंक अधिकारी के साथ ऐसे ही असामाजिक तत्वों ने बत्तमीजी की थी और ये आज की घटना है बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जहा ये अपने आप को नेता बताते लोग जिन्होंने महाराष्ट्र और मराठी का ठेका ले रखा है ये हाथापाई पर उतर आए है।
आज भी बैंक कर्मी शांत है और सिस्टम खामोश है, क्युकी रीजनल ऑफिस के आलीशान ऑफिस में बैठे उच्च अधिकारी के कानो पर इस सब मामले में जु तक नहीं रेंगती। उनको मतलब होता है बस अपने प्रमोशन और उसके लिए होने वाले लोगों डे और MD रैंकिंग बाकी स्टाफ जिए मरे किसी को लेन देन नही है .
अपनी आवाज खुद बनिए ऐसे कब तक घुट घुट कर जीते रहेंगे।
वक्त आगया है की अब हम सारे बैंक कर्मी एक हो कर बैंकर्स सुरक्षा एक्ट की मांग करे